Uttarkashi: स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, इलाज के लिए बीमार को लेकर चलना पड़ता है 8 KM पैदल

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड में कई गांव ऐसे भी हैं जहां आज भी ड्सके नहीं हैं जिससे लोगों को काफी मुश्किल झेलनी पड़ती है। ये परेशानी तब और अधिक बढ़ जाती हैं, जब कोई बीमार पड़ता है। ऐसे में सड़क के अभाव में बीमार व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल लेकर जाना एक बड़ी चुनौती साबित होता है।

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ऐसा ही एक मामला उत्तरकाशी से सामने आ रहा है। यहां एक बीमार महिला को उसके घरवाले आठ किलोमीटर पैदल चलाकर इलाज के लिए डॉक्टर के पास तक लेकर गए। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार बार सड़क बनवाने को लेकर शासन प्रशासन के पास अर्जी लगाई लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

मिली जानकारी के मुताबिक डिगाड़ी गांव में रहने वाली 49 साल की शंकुतला देवी बीते एक हफ्ते से बीमारी थी। सोमवार को अचानक से तबियत अधिक बिगड़ने पर परिजनों और ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से उन्हें डंडी-कंडी में लादकर पैदल चलकर बड़कोट अस्पताल पहुंचाया। बड़कोट में प्रा‌‌थमिक उपचार करने के बाद उन्हें देहरादून रेफर कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि सर बडियार पट्टी के आठ गांव के लिए जो ऐलोपेथिक सेंटर बनाया गया उसमें लंबे समय से मेडिकल स्टाफ नहीं है और वहां पर हमेशा ताला बंद रहता है।

सर बडियार पट्टी के सर, डिगाड़ी, लिवटाड़ी, कसलूं, किमडार, पौंटी, गोल व छानिका गांव के लिए सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इन आठ गांव में स्वास्थ्य सेवाएं भी डभल है। गांव में गर्भवती महिला हो या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित लोग। ग्रामीण उन्हें हमेशा डंडी-कंडी पर लाद कर सात से आठ किलोमीटर पैदल चलकर उपचार के लिए बड़कोट अस्पताल लाते हैं। बारिश के दिनों में ये समस्या अरु अधिक बढ़ जाती है।

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