उत्तराखंड क्रिकेट जगत में खलबली: एसोसिएशन के पदाधिकारी समेत 7 पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार

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देहरादून। कई दिनों से उत्तराखंड क्रिकेट जगत में मची खलबली के बीच एक और बड़ी ख़बर आ रही है। अब क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव सहित 7 पदाधिकारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। बताया जा रहा है कि एक युवा क्रिकेटर के सलेक्शन के लिए 10 लाख रुपये की मांग करने और फिर उसके साथ मारपीट किए जाने के मामले की जांच अब पुलिस विभाग ने एसओजी को सौंप दी है। दरअसल एसोसिएशन के लोगों द्वारा जांच में सहयोग न करने से असंतुष्ट पुलिस ने अब गिरफ्तारी की कवायद तेज कर दी है।

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मामले को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक क्रिकेटर आर्य सेठी के पिता रवींद्र सेठी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद एसएसपी जन्मजेय खंडूड़ी के निर्देश पर एसओजी को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। आशंका जाहिर की जा रही है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव समेत 7 लोगों की गिरफ्तारी कभी भी की जा सकती है। पुलिस के अधिकारियों का बताया कि नोटिस दिए जाने के बाद भी इन आरोपी पदाधिकारियों में से कोई भी बयान देने के लिए हाज़िर नहीं हुआ। ऐसे में पुलिस ने इन्हें फरार मान लिया है।

बता दें कि किसी केस में एसओजी को तभी इन्वॉल्व किया जाता है, जब आरोपियों को तलाश करके गिरफ्तार करने की कार्रवाई करनी होती है। पुलिस के इस एक्शन के बाद एसोसिएशन के सचिव महिम वर्मा के साथ ही अन्य पदाधिकारियों पर गिरफ्तारी की गाज गिर सकती है। एसएसपी खंडूड़ी ने साफ तौर पर कह दिया है कि ज़रूरत पड़ने पर सभी की गिरफ्तारी की जाएगी।
कितना गंभीर है यह मामला?

मलूम हो कि सीएयू के सचिव महिम वर्मा सहित प्रवक्ता संजय गुसाईं, सीनियर पुरुष क्रिकेट टीम मैनेजर नवनीत मिश्र, वीडियो विश्लेषक पीयूष रघुवंशी, कोच मनीष झा, सीएयू के कर्मचारी सत्यम वर्मा और पारुल को बीते 20 जून को रविंद्र सेठी द्वारा दर्ज कराये गए केस में आरोपी बनाया गया। गौरलतब है कि इससे पहले भी सीएयू विवादों में घिरती रही है, लेकिन इस बार मुसीबत अधिक बढ़ सकती है क्योंकि राज्य खेल मंत्री रेखा आर्य पहले ही उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ बीसीसीआई से कार्रवाई करवाने की बात भी कह चुकी हैं।

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