UP: फर्रुखाबाद-कासगंज एक्स्प्रेस बनीं आग का गोला, मची अफरा-तफरी, आधा दर्जन से ज्यादा यात्री आग में झुलसे

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फर्रुखाबाद. फर्रुखाबाद बीती मध्य रात कासगंज से फर्रुखाबाद जाने वाली 5389 पैसेंजर ट्रेन की बोगी आग से कई घंटे जलती रही। फायर बिग्रेड के कर्मचारियों ने प्रयास करके कई घंटों बाद आग पर काबू पाया। ट्रेन में आगजनी को लेकर रेलवे अधिकारियों में हड़कंप मचा है। कासगंज से आने वाली पैसेंजर ट्रेन रात फर्रुखाबाद स्टेशन पहुंचती है जब ट्रेन हरसिंगपुर गोवा स्टेशन के आगे ग्राम हथियापुर के गेट नंबर 158 के पास से गुजर रही थी तभी ट्रेन में लगी आग को देखकर ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी।

रेलवे कर्मचारियों ने मिनी फायर टेंडर से आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन बोगी धू धू कर जलती रही। ट्रेन मैं लगी आग को देखकर ग्रामीण एकत्र हो गए पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा सीओ सिटी आदि रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे। आरपीएफ के दरोगा ने रात मोबाइल फोन से फायर बिग्रेड कार्यालय में आग लगने की जानकारी दी। इलेक्ट्रिक इंजन के पीछे तीसरे नंबर की बोगी में आग लगी थी फर्रुखाबाद स्टेशन से डीजल इंजन को वहां भेजा गया डीजल इंजन इलेक्ट्रिक इंजन ब्रेक यान सहित तीन बोगियों को लेकर फर्रुखाबाद स्टेशन पहुंचा। उधर कासगंज मार्ग पर ब्रेक यान में खड़ी थी आग लगी बोगी को काटकर इसी मालगाड़ी के इंजन से ट्रेन को वापस शमशाबाद स्टेशन ले जाया गया। डीजल इंजन से जली हुई बोगी को लाकर फर्रुखाबाद स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के पास वाली लाइन पर खड़ी की गई। इस बोगी को दोनों ओर से मोहर लगाकर सीज कर दिया गया ताकि कोई व्यक्ति अंदर न जा सके। रेलवे की तकनीकी विभाग के अधिकारी बोगी का निरीक्षण कर आग लगने के कारण का पता लगाएंगे।बाकी ट्रेन सुबह फर्रुखाबाद स्टेशन पहुंची सुबह ही रेलवे के कई अधिकारी फर्रुखाबाद स्टेशन पहुंचे। स्टेशन मास्टर योगेंद्र कुमार शाक्य ने रेलवे अधिकारियों के साथ जॉइंट इंक्वायरी की रिपोर्ट की तैयारी की।

बताया जाता है कि जिस बोगी में आग लगी थी उसी बोगी की आग के धुए से पीछे बोगी में मौजूद यात्रियो का दम घुटने लगा। तब यात्रियों ने चीख-पुकार मचाकर ट्रेन की चेन पुलिंग कर दी। फर्रुखाबाद स्टेशन पर पहुंचे यात्रियों ने बताया कि समसाबाद स्टेशन से ट्रेन के रवाना होने तक बोगी में आग नहीं लगी थी। जब ट्रेन शुकरुल्लापुर स्टेशन के आगे से गुजर रही थी तभी बोगी में लगी आग को देखा गया। बताया गया आग वाली बोगी में कोई यात्री मौजूद नहीं था नहीं तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता था।इस ट्रेन में करीब आधा सैकड़ा यात्री ही आते हैं अधिकांश यात्री ठंड के कारण बीच ट्रेन की बोगी में सामूहिक बैठते हैं। इंजन के पास वाली बोगियों में यात्री नहीं बैठते हैं।

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