Uttarakhand में इस खतरनाक बीमारी ने दी दस्तक, बच्चों को बना रही शिकार, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट 

img

हरिद्वार। देश के कई राज्यों में बच्चों को अपना शिकार बना रही हैंड-फुट और माउथ डिजीज (एचएफएमडी)  ने अब धर्मनगरी में भी दस्तक दे दी है। जिला अस्पताल की हर दिन ओपीडी में  एक से दो बच्चे इस बीमारी के लक्षणों के साथ इलाज करने आ रहे हैं। सरकारी  हास्पिटल के   साथ ही  प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में भी बच्चे पहुंच रहे हैं।

जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश चौहान ने बताया है की  एचएफएमडी से बच्चों की  जान को कोई  खतरा नहीं है, लेकिन लक्षणों के दिखते ही तुरंत इलाज कराना चाहिए।  इस  बीमारी में बच्चे को हल्का बुखार होने के साथ-साथ पैरों और हाथों पर लाल रंग के दाने भी पड़ने लगते हैं। उनका कहा है कि  बच्चे में इस तरह  कोई परेशानी दिखने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि  हाल के कुछ दिनों में अभी तक एचएफएमडी बीमारी से पीड़ित करीब 20 बच्चे जिला अस्पताल में इलाज के लिए आ चुके हैं।

देश रक्षक तिराहे के  पास स्थित  एक निजी अस्पताल में भी इस बीमारी से ग्रसित  15 बच्चे  इस महीने में पहुंच चुके हैं। निजी अस्पताल के संचालक डॉ. अखिलेश चौहान के मुताबिक इस रोग से पीड़ित एक बच्चे का उनके अस्पताल में अभी इलाज भी चल रहा है। अस्पतालों में बच्चों में हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी) के मामलों में बढ़ोतरी भी देखी जा रही है। ऐसे में अब इस  वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं।

बीमारी संक्रामक

चिकित्सकों का कहना है कि एचएफएमडी एक वायरल फीवर है। इस  संकमण की वजह से बच्चों के हाथ पैरों, बांह की कलाई और मुंह पर लाल रंगे के फफोले निकल जाते हैं। वहीं कुछ बच्चों को तेज बुखार भी होने कि शिकायत होती है। ये काफी संक्रामक है हालांकि ये जानलेवा नही है।

एडवाइजरी  जारी

स्वास्थ्य  विभाग ने और स्कूलों ने बच्चों के माता-पिता के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाईजरी में  कहा गया है कि यह एक सामान्य बीमारी है, लेकिन काफी संक्रामक है। ये बीमारी आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है।

ये हैं बीमारी के लक्षण

चिकित्सकों का कहना है कि  जो बच्चे इस वायरस से संक्रमित होते हैं उनके शरीर में चकत्ते पड़  जाते हैं। उनमें से कुछ को जोड़ों में दर्द, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, थकान-उल्टी आना, डायरिया, खांसी, छींक आना, नाक बहना, तेज बुखार और शरीर में दर्द की भी  समस्या होने लगती है।

ये उपाय करें

डॉक्टर्स  का कहना है की यदि  कोई इससे संक्रमित है तो उसको अन्य लोगों  से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।  इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रमितों के बर्तन, कपड़े रोजमर्रा में इस्तेमाल की जाने वाली अन्य वस्तुओं को साफ रखना चाहिए।

Related News