Third Kedar Lord Tungnath के कपाट बंद, 9 नवबंर को गद्दीस्थल मर्कटेश्वर मंदिर में विराजमान की जाएगी चल विग्रह डोली

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ऊखीमठ। उत्तराखण्ड के पंचकेदारों में स्थित प्रसिद्ध तृतीय केदार श्री तुंगनाथ जी के कपाट आज सोमवार को सुबह 11.30 बजे शीतकाल के लिए विधि विधान से बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को आज समाधिस्थ किया गया। आज प्रात: 8 बजे से मंदिर में भक्तों ने भगवान के दर्शन किये। इसके बाद नौ बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे। अब 9 नवंबर को बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली मंदिर से शीतकालीन गद्दीस्थल मर्कटेश्वर मंदिर में शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो जाएगी। (Third Kedar Lord Tungnath)

Third Kedar Lord Tungnath

बता दें कि तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में विराजमान की गई हैं। मंदिर की परिक्रमा के पश्चात डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया। यहां पर भगवान तुंगनाथ की डोली का भव्य स्वागत किया गया। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि आज देव डोली रात्रि विश्राम चोपता में करेगी। इसके बाद कल यानी 8 नवंबर को देव डोली बड़तोली होते हुए भनकुन पहुंचेगी। देव डोली का रात्रि प्रवास भनकुन में रहेगा। (Third Kedar Lord Tungnath)

इसके बाद 9 नवंबर को प्रात: देवडोली भनकुन से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंच जाएगी। यहां पूजा अर्चना के पश्चात डोली मंदिर गर्भगृह में विराजमान कर दी जाएगी। तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल मंदिर प्रबंधक बलबीर नेगी,मठापति राम प्रसाद मैठाणी, चंद्रमोहन बजवाल,पुजारी अतुल मैठाणी, रवीन्द्र मैठाणी, अजय मैठाणी डोली आदि मौजूद रहे। (Third Kedar Lord Tungnath)

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