30 फीसदी तक महंगी हुईं ये जीवनरक्षक दवाएं, इस वजह से बढ़े रेट

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देहरादून। उत्तराखंड में दवाइयों के दामों में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। यहां के मेडिकल स्टोर्स पर मिलने वाली अधिकांश दवाओं के नए बैच बढ़ी हुई कीमतों के साथ आ रहे हैं। दवाओं के दाम बढ़ने से मरीज और उनके परिजनों को बजट मैनेज करने में मुश्किल हो रही है। ड्रग मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कलानी का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में दवाओं का कच्चा माल लगातार महंगा हो रहा है जिससे भारत में भी दवाओं के दाम बढ़ गए हैं।

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बता दें कि रुपये के मुकाबले डालर के मजबूत होने से भी कच्चे माल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। बताया जा रहा है कि पैरासिटामोल का जो कच्चा माल पहले पांच हजार रुपये किलो था, वह अब नौ हजार रुपये किलो में मिल रहा है। यही वजह है कि दवा कंपनियों को कुछ दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी करनी पड़ी है।

होलसेल कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष नंदा के मुताबिक पिछले एक महीने से दवाओं की कीमत 10 से 30 फीसदी तक बढ़ गई है। इधर राज्य के ड्रग कंट्रोलर ताजबर जग्गी का भी कहना है कि कच्चे माल के महंगे होने की ही वजह से दवा निर्माता दवाओं के दाम बढ़ा रहे हैं। हालांकि जो शेड्यूल दवाएं प्राइस कंट्रोल के तहत आती हैं उनकी कीमतों में इजाफा नहीं किया जा सकता है।

दवाओं की कीमतों में इजाफा

  दवा                                              पुरानी दरें       नई दरें

शुगर का इंजेक्शन (रेजोडेग)               1024            1126
शुगर का इंजेक्शन (लेंटस)                  722               794
शुगर की दवा (ग्लाइकोमेट)                 155               170
लीवर की दवा (यूडिलिप)                     580               694
खून पतला करने की दवा (ईकोएस्प्रिन)   40                 55

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