इस प्राइमरी स्कूल में नहीं हैं एक भी छात्र, 9 साल में पांचवी बार खोला गया तो लग गई लोगों की लाइन, जानें क्यों

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चंपावत। उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में दूरस्थ गांव में एक भवन स्थित है। इस भवन पर सरकारी प्राथमिक विद्यालय का बोर्ड टंगा है, लेकिन इस भवन में हमेशा ताला पड़ा रहता है। यहां कोई आता है और न कोई जाता नहीं, लेकिन बीते 31 मई को यहां सैकड़ों तादाद में लोग और भवन के बाहर लंबी लाइन लगी रही।

Primary school closed in Champawat Khunadi

दरअसल उपचुनाव के मद्देनजर बूथ अधिकारी बबीता खर्कवाल 31 मई की सुबह 6 बजे यहां आईं और भवन का ताला खुलवाया। इसके बाद फटाफट कुर्सी, मेज़ आदि लगाए गए। देखते ही देखते धूल और जालों से पटे इस भवन में अचानक से लोगों की आवाजाही शुरू हुई और बाहर भी लंबी लाइन लग गई। ये भवन पिछले 9 सालों में 5वीं बार खोला गया। बता दें कि ये भवन खुनाड़ी गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल है।

खुनाड़ी का यह प्राइमरी स्कूल चंपावत के उन 43 स्कूलों में से एक है, जो उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से लगभग बंद हो चुके हैं क्योंकि यहां रजिस्टर छात्रों की संख्या लगभग शून्य हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि खुनाड़ी का ये स्कूल साल 2013 से लेकर अब तक सिर्फ पांच बार खोला गया है। वह भी विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनावों के लिए। इस साल ये स्कूल दूसरी बार चुनाव बूथ के तौर पर इस्तेमाल किया गया है।

इस वजह से बंद हो गया यह स्कूल

चंपावत जिले में करीब कुल 473 प्राथमिक विद्यालय हैं, लेकिन 43 स्कूल भवन हैं, जिन्हें अब ‘घोस्ट बिल्डिंग्स’ कहा जाने लगा है। दिग्दई ग्राम पंचायत में स्थित खुनाड़ी का यह स्कूल भी बंद होने के पीछे दो बड़ी वजहें हैं। जानकार बताते हैं कि पलायन के चलते आसपास के गांव ही खाली हो गए हैं इसलिए स्कूलों मेंं छात्र कहां से आएंगे। वहीं, खुनाड़ी के इस स्कूल के बंद होने का एक और कारण है साल 2010 में दयारटोली में एक निजी प्राइवेट स्कूल का खुल जाना।

बता दें कि बीते मंगलवार को कुल 246 वोटरों ने खुनाड़ी बूथ पर मतदान किया। इनमें 114 पुरुषों और 132 महिलाये शामिल रही। चूंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से चुनाव हार गए थे इसलिए विधानसभा में उनकी सदस्यता के लिए चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने सीट छोड़ी थी और विधयक पड़ से इस्तीफा दे दिया था।। अब इस उपचुनाव का नतीजा 3 जून को आएगा।

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