Uttarakhand में बार-बार हो रहे हिमस्खलन, कहीं बड़े खतरे का संकेत तो नहीं, क्या कहते हैं वैज्ञानिक

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देहरादून। उत्तराखंड में हाल के दिनों में हुई हिमस्खलन की घटनाओं की वजह तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव को माना जा रहा है। साथ ही ये भी आशंका जाहिर की जा रही है कि केदारनाथ के बाद उत्तरकाशी में आया हिमस्खलन कहीं किसी बड़े खतरे का संकेत तो नहीं। अर्ली सीजन बर्फबारी होने से ऐसी घटनाएं ज्यादा सामने आ रही हैं।

वहीं उत्तरकाशी के उच्च हिमालयी क्षेत्र द्रौपदी का डांडा में निम के प्रशिक्षणार्थी हिमस्खलन में चपेट में आ गए हैं। इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई है। हिमस्खलन को लेकर देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के निदेशक कालाचांद साईं का कहना है कि इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जल्दी बर्फबारी होने लगी है। साथ ही तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। वहीं बात करें केदारनाथ की तो वहां हर साल छोटे-छोटे एवलांस आए हैं।

केदारनाथ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में कुछ दिन पहले ही बर्फबारी हुई थी। उत्तराखंड के बाकी हिमालयी क्षेत्रों में भी हाल ही में बर्फबारी हुई है। उन्होंने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमस्खलन प्राकृतिक घटना है। हालांकि इसका अध्ययन करना आवश्यक है। इधर केदारनाथ में हाल ही में आए हिमस्खलन को वैज्ञानिकों ने सामान्य घटना बताया है। इसे ग्लेशियर की सेहत को लेकर एक अच्छा संकेत भी माना जा रहा है।

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