स्वाइन फीवर ने दी दस्तक, 192 सुअरों की मौत, रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश जारी

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देहरादून। उत्तराखंड के कई इलाकों में स्वाइन फीवर ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। राज्य के पौड़ी और देहरादून जिले में इस बीमारी से अब तक 192 सुअरों की मौत हो चुकी है। इस बात की पुष्टि भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली और राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजे गए सैंपलों में हुई है। पशुपालन विभाग की तरफ से सभी जिलों को अलर्ट रहने को कहा गया है और रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

Swine fever

स्वाइन फीवर से प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर दायरे को संक्रमित जोन घोषित आकर दिया गया है जबकि 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र को सर्विलांस जोन में रखा गया। प्रभावित इलाकों से सुअरों को लाने और ले जाने पर रोक लगा दी गई है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक (रोग नियंत्रण) डीके शर्मा के मुताबिक पौड़ी जिले में 91 और देहरादून जिले में स्वाइन फीवर से 101 सुअरों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि विभाग की तरफ से डॉक्टरों की टीमें बना कर प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी की जा रही है।

सर्विलांस जोन से भी सैंपल लेकर जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि ये रोग सुअर से इंसानों में नहीं फैलता और न ही अन्य पशुओं को इससे खतरा है, फिर भी सतर्क रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्वाइन फीवर रोग अफ्रीकी देशों से आया है और अभी तक इससे बचाव को लेकर कोई वैक्सीन या दवा नहीं बनी है। अगर कोई सुअर इस रोग की चपेट में आता है, तो उसे बचाना मुश्किल होता है।

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