साधु संतों की प्रतिक्रिया- गरबा में आना चाहते हैं मुस्लिम युवक तो पहले कर लें घर वापसी

img

हरिद्वार। अहमदाबाद हुए मध्यप्रदेश में नवरात्र के दौरान होने वाले गरबा कार्यक्रमों में मुस्लिम युवकों द्वारा पहचान छुपाकर घुसने पर बीते दिनों हिंदू संगठनों द्वारा उनकी पिटाई का मामला सामने आया था। आरोप ये भी लगाया गया कि मुस्लिम युवकों के गरबा में आने का मकसद हिंदू लड़कियों को अपने बहकावे में लेना था। गरबा में मुस्लिम युवकों के घुसने पर हरिद्वार का संत समाज भी आक्रोशित है।

ऐसे में साधु-संतों ने इस मामले पर सरकार से सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की है। साथ ही उन्होंने मुस्लिम समाज से भी अपील की है कि अगर उन्हें हिंदू पूजा पद्धति में आना है तो वो पहले घर वापसी करें और इसके बाद किसी हिंदू पूजा पद्धति के कार्यक्रम में बिना किसी डर के शिरकत करें।
शंकराचार्य राजराजेश्वरानंद ने कहा कि इस्लाम आतंकवाद का पर्याय है। इस्लामिक आतंकवाद भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। वहीं इस्लाम से जुड़े लोग पहचान छुपाकर वर्तमान समय में उत्तराखंड के बद्रीनाथ और केदारनाथ में भी भगवा वस्त्र धारण कर प्रसाद बेंच रहे हैं।

अब गरबा कार्यक्रमों में मुस्लिम युवक पहचान छुपाकर घुस रहे है। इससे वहां कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। हालांकि पुलिस द्वारा समय रहते ही इस पर कार्रवाई की गई। उधर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, अगर मुसलमान युवकों को गरबा में शामिल होना है तो पहले उन्हें घर वापसी करनी चाहिए, अगर वह हमारे देवी-देवताओं को नहीं मानते तो उन्हें गरबे में भी नहीं शिरकत करनी चाहिए।

Related News