पुलिस कांस्टेबल परीक्षा पेपर लीक केस, छह से 8 लाख रुपये में हुआ था सौदा, ऐसे हुआ खुलासा

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हिमाचल प्रदेश। देशभर में बीते 27 मार्च को हुई पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र (पेपर) लीक हो गया था। तीन अभ्यर्थियों ने 6 से 8 लाख रुपये देकर पेपर होने से पहले ही प्रश्नपत्र और उसके उत्तर पा लिए थे। ऐसे में वे परीक्षा में अप्रत्याशित 70 अंकों से पास भी हो गए। कयास लगाया जा रहा है कि पेपर किसी प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ है। पेपर लीक करने वाले आरोपी हरियाणा और दिल्ली से से ताल्लुक रखते हैं। उधर, तीनों अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

Police constable exam paper leak

मिली जानकारी के अनुसार कांगड़ा पुलिस ने पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद कांगड़ा के गगल थाने में सोमवार की देर रात आरोपियों के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला पंजीकृत कर लिया है। एसपी कांगड़ा खुशहाल चंद शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और डीजीपी संजय कुंडू को इस पूरे मामले से देर रात ही अवगत करा दिया है। एसपी ने भी मामला दर्ज करने की पुष्टि की है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए एसपी ने देर रात ही टीमें गठित कर हरियाणा और दिल्ली के लिए रवाना कर दिया है।

एसपी ने बताया कि लिखित परीक्षा देने से पहले तीन युवाओं ने 6 से 8 लाख रुपये देकर प्रश्नपत्र खरीद लिए थे। इन युवाओं को दलालों ने टाइप्ड उत्तर देकर उसे रटने के लिए बोल दिया था। पैसे देकर उत्तर रटने की बात अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों ने कबूल कर ली है। एसपी के मुताबिक तीनों अभ्यर्थियों ने ठाकुर कांशीराम स्कूल चैतड़ू में बनाए परीक्षा केंद्र पर पेपर दिए थे। दलालों ने और कितनों को पेपर बेचे हैं, इसकी भी जांच जा रही है।

ऐसे हुआ शक

गौरतलब है कि बीते 5 अप्रैल को लिखित परीक्षा का परिणाम आने के बाद पास हुए अभ्यर्थियों को पुलिस ने दस्तावेजों की जांच के लिए प्रदेशभर में बुलाया। इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद ही सभी की नियुक्ति होनी थी। दस्तावेजों की जांच के दौरान ही एसपी कांगड़ा को तीन युवाओं पर शक हुआ। इन तीनों युवाओं को 90 में से 70 अंक मिले थे लेकिन दसवीं में उन्हें 50 फीसदी अंक भी नहीं मिले थे। इस पर एसपी ने तीनों युवाओं से अलग-अलग पूछताछ की। पुलिस पूछताछ में तीनों युवक फंस गए और उन्होंने कबूल कर लिया कि परीक्षा से पहले ही 6 से 8 लाख रुपये देकर उन्हें टाइप्ड प्रश्नों के उत्तर मिल गए थे और उन्हें उत्तर रटने को कहा गया था।

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