
नैनीताल। उत्तराखंड की सरोवर नगरी के नाम से प्रसिद्ध नैनीताल में मौजूद भीमताल ब्लॉक के अंतर्गत गेठिया गांव में महायोगी पायलट बाबा का आश्रम स्थित है। कई बीघे में बने इस आश्रम में कई सुंदर मूर्तियों में दर्शन होते हैं। इस आश्रम में बाहर से किसी भी व्यक्ति को ाँ ेकी इजाजत नहीं है। हालांकि बाबा के देशी-विदेशी भक्तों को ही यहां आने की अनुमति होती है। बाबा के भक्तों को यहां काफी सारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस आश्रम को बाबा ने 80 के दशक में बनवाया था। उस वक्त यहां कुछ ही कमरे थे, लेकिन जैसे-जैसे बाबा की लोकप्रियता बढ़ने लगी। इस आश्रम को भव्य रुप मिलता गया। वर्तमान समय में यहां 100 से भी अधिक कमरे हैं। इस आश्रम की तरफ जाते समय रास्ते में हनुमान जी की एक 50 फीट की मूर्ति के भी दर्शन होते हैं। इस आश्रम में बना दुर्गा माता का मंदिर मुख्य आकर्षण का केंद्र है। पर्यटक यहां से आते जाते इस मंदिर के दर्शन करते हैं।
आश्रम के पुजारी संपूर्णानंद त्रिपाठी बताते हैं कि पायलट बाबा ने जब यहां साधना की थी तब उन्हें कई अन्य लोकों के दर्शन भी प्राप्त हुए थे। उसके बाद बाबा ने ही यहां देवी मूर्ति की स्थापना करवाई थी। वे बताते हैं के अगर कोई सिद्ध योगी किसी मूर्ति को प्रतिष्ठित करते हैं, तो वह सबसे उत्तम मूर्ति कहलाई जाती है, इसलिए जो कोई भी इस मंदिर में मां भगवती का ध्यान करता है तो मां उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
संपूर्णानंद त्रिपाठी बताते हैं कि महायोगी पायलट बाबा का जन्म बिहार के सासाराम नामक स्थान पर हुआ था। वह अपने गुरु हरि बाबा से काफी प्रभावित रहे हैं और उन्ही से प्रेरित होकर पायलट बाबा ने भी संन्यास लिया। पायलट बाबा कई महीनों तक हिमालय पर तपस्या में लीन रहे। इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड के काली चौड़ मंदिर में भी साधना की। उन्होंने पिंडारी ग्लेशियर में 33 दिन की समाधि लगाई थी।
विदेशी भक्तों का लगता है तांता
स्थानीय निवासी मनोज जोशी बताते हैं कि वैसे तो आमतौर पर आश्रम में काफी सन्नाटा रहा है लेकिन जब कभी भी बाबा आश्रम में आते हैं, तब यहां उनके भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। बाबा के भक्त भारत में ही नहीं बल्कि जर्मनी, जापान, इटली, रूस जैसे देशों में भी हैं। बाबा पायलट का ये आश्रम हल्द्वानी से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर अल्मोड़ा-हल्द्वानी रोड पर तल्ला गेठिया नामक गांव में स्थित है।