Junior Hockey World Cup में लखनऊ की बेटी कर रही कमाल, ठेले पर माँ बेच रहीं सब्ज़ी

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लखनऊ, 09 अप्रैल। कैसर जहां लखनऊ की तोपखान बाजार की तंग गलियों में चिलचिलाती गर्मी में सब्जी का ठेला लगाती हैं। शुक्रवार की नमाज से पहले उनके ठेले के पास हमेशा की तरह भीड़ थी। ठीक उसी समय साउथ अफ्रीका के पॉचेफस्ट्रूम में हो रहे महिला जूनियर हॉकी विश्व कप (Junior Hockey World Cup) में उनकी बेटी मुमताज खान ने खेल के 11वें मिनट में साउथ कोरिया की गोलकीपर को छकाकर गोल दाग दिया।

Junior Hockey World Cup mumtaz

मुजताज के गोल ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारत की जीत की नींव रखी। मैच में भारत ने कोरिया को 3-0 से शिकस्त दी। भारतीय महिला हॉकी टीम प्रतियोगिता में दूसरी बार सेमीफाइनल में पहुंची है। हालांकि सब्जी बेच रहीं कैसर जहां विश्व कप (Junior Hockey World Cup) में अपनी बेटी के कमाल को नहीं देख सकीं। मुमताज को शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।

हालांकि मां को बेटी को खेलते हुए देख पाने का मलाल नहीं है। कैसर का मानना है कि भविष्य में इसतरह के कई और मौके आएंगे जब वह अपनी बेटी को गोल करते हुए देखूंगी। कैसर जहां ने कहा, वहां मेरे लिए एक व्यस्त समय था। मैं अपनी बेटी को गोल करते हुए देखना पसंद करती। लेकिन मुझे रोजी-रोटी भी कमानी है।

मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इसतरह के कई मौके आएंगे जब मैं अपनी बेटी को गोल करते देखूंगी। दूसरी तरफ देखा जाए तब मां का भरोसा गलत नहीं है। क्योंकि जूनियर स्तर से आगे का सफर मुश्किल होता है।लेकिन मुमताज के अंदर जो गति, क्षमता और प्रतिभा हैं, उस देखकर लगता है कि वह सीनियर लेवल पर टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी। भारत ने जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप में अब तक चार में से चार मैच जीते हैं, जिसमें मुमताज का योगदान सबसे ज्यादा रहा।

पहले गोल से भारत को बढ़त दिलाई

वहीँ मुमताज ने जूनियर महिला हॉकी विश्व कप (Junior Hockey World Cup) में अभी तक 6 गोल दागे हैं। वह प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा गोल करने वाली तीसरी खिलाड़ी हैं। भारत के शुरुआती मैच में वेल्स के खिलाफ उन्होंने गोल किया। इसके बाद वह जर्मनी के विरुद्ध गोल करने में सफल रहीं। वहीं मलेशिया के विरुद्ध उन्होंने सनसनीखेज हैट्रिक लगा दी थी।

8 अप्रैल को साउथ कोरिया के खिलाफ हुए मैच में मुमताज ने अपने पहले गोल से भारत को बढ़त दिलाई। तब उस समय लखनऊ में उनकी बहनें मोबाइल पर मैच देख रही थीं। जबकि पिता हाफिज मस्जिद में थे। मुमताज की बहन फराह कहती हैं यह बता पाना मुश्किल है कि आज हम कैसा महसूस कर रहे हैं। कुछ लोगों ने मेरे माता-पिता पर इसलिए ताना मारा था क्योंकि उन्होंने लड़की को खेलने की इजाजत दी। मां कैसर जहां ने कहा, हमने लोगों की ऐसी बातों को हमेशा नजरअंदाज किया। लेकिन आज ऐसा लगता है मुमताज ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है।

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