देहरादून। एक सितंबर 1994 का वह मनहूस दिन आज भी हर उत्तराखंडी कीआंखों में आंसू ला देता है। इस दिन पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए खटीमा गोलीकांड को अंजाम दिया था। आज इस गोलीकांड की 28वीं बरसी है। इस तारीख के आते ही आंदोलनकारियों और उनके परिजनों का दर्द एक बार फिर से ताजा हो जाता है।
आपको बता दें कि राज्य निर्माण के लिए शहादत देने वालों को याद करते हुए उत्तराखंडवासी आज एक सितंबर दिन बुधवार को शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं और शहीदों को नमन कर रहे हैं।
मालूम हो कि राज्य निर्माण की मांग को लेकर 1 सितंबर 1994 को खटीमा की सड़कों पर उतरे हजारों आंदोलनकारियों पर पुलिस में जमकर गोलियां बरसाई गई थीं। इस दौरान सात लोगों ने शहादत दी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आज 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड की 28वीं बरसी है। इस मौके पर उत्तराखंड में शहीद आन्दोलनकारियों की स्मृति में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयाेजन किया गया है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शिरकत की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा- मैं सर्वप्रथम खटीमा गोलीकांड की 28वीं बरसी पर शहीद आंदोलनकारियों को नमन करता हूं, जिनकी वजह से हमें यह राज्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा हमारे शहीद आंदोलनकारियों ने माँ की ममता, बहन की राखी, बच्चों के दुलार को छोड़ दिया। अपना सब कुछ छोड़कर राज्य के लिए शहादत दी। धामी ने कहा हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी यह पता रहे कि हमारे शहीद आंदोलनकारियों की वजह से ही हमें राज्य मिला, इसके लिए शहीद स्मारक का निर्माण किया गया है।