Joshimath-Malari Highway: जान जोखिम में डाल कर आवाजाही कर रहे वाहन, पहाड़ों पर अभी भी अटके हुए हैं बोल्डर

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जोशीमठ। देश के इलाकों में इन दिनों भारी बारिश का दौर चल रहा है। इधर उत्तराखंड में भी बीते एक महीने से अधिक समय से हो रही बारिश की वजह से भूस्खलन और सड़कों पर मलबा आने की समस्याएं अधिक बढ़ गई हैं जिससे आये दिन रास्ते बंद होने की खबरें आ आती रहती है। इस कड़ी में राज्य के सलधार के पास चट्टान टूटने से बंद जोशीमठ-मलारी हाईवे को छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है। वहीं हाईवे के हिल साइड पर अभी भी बड़े-बड़े बोल्डर अटके हुए हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही पर खतरा भी बना हुआ है। वहीं बड़े वाहनों की आवाजाही अभी भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में सेना के वाहनों की आवाजाही भी ठप है।

Joshimath-Malari Highway

बता दें कि दो दिन पहले जोशीमठ-मलारी हाईवे चट्टान टूटने की वजह से अवरुद्ध हो गया था। हालांकि रविवार को पूरे दिन बीआरओ के मजदूर सड़क पर से बोल्डरों को हटाने में जुटे रहे लेकिन फिर भी हाईवे पर वाहनों की आवाजाही को सुचारू नहीं करा पाए। रास्ता बंद होने की वजह से नीती घाटी के ग्रामीणों के साथ ही सीमा क्षेत्र में जा रहे सेना के वाहनों की आवाजाही भी बंद हो गई है।

खतरनाक है आवागमन

सड़क पर बोल्डर आने की वजह से जोशीमठ-मलारी हाईवे बेहद हो गया है। यहां कई स्थानों पर भूस्खलन और भू-धंसाव हो रहा है। यहां रैणी गांव के निकट चट्टानी भाग से रह-रहकर भूस्खलन हो रहा है जिससे खतरा और भी अधिक बढ़ गया है। ग्रामीण बोल्डरों के ऊपर से ही जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं। इधर, बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि बड़े वाहनों की आवाजाही के लिए भी हाईवे जल्द ही खोल दिया जाएगा।

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