
नई दिल्ली। एक तो कंगाली ऊपर से आटा गीला। ये जकहावत पाकिस्तान पर सटीक बैठती है। एक तो पाकिस्तान पहले से ही कंगाल है, वहीँ अब उसके सामने एक और समस्या आ गयी है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध (International News) का असर पाक पर साफ दिखने लगा है। जंग की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमत बढ़ी है। इस वजह से पाकिस्तान पेट्रोलियम उत्पादों की कमी से तंग है और पाक में डीजल का सिर्फ पांच दिनों का स्टाक शेष है।
पाक के अखबारों में छपी खबर (International News) के मुताबिक पाकिस्तानी बैंकों ने भी आयल कम्पनीज को हाई रिस्क वाली श्रेणियों में रखा है और लोन देने से इनकार कर दिया। आयल के भंडार में कमी की वजह से पाकिस्तान की इमरान सरकार भी मुश्किल में है। विपक्ष लामबंद है और डीजल की कमी से देश में महंगाई बढने के आसार हैं।
सामान्य महंगाई उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) इस समय 24 महीने के सर्वोच्च स्तर है। यह 13 प्रतिशत पर है। करीबन सभी वस्तुओं के रेट बढ़ रहे हैं। ‘डॉन’ अखबार में छपा है कि जनवरी, 2020 के बाद यह सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति की दर है, यह 14.6 फीसदी थी। (International News)
पीएम इमरान खान का यह बयान भी काफी चर्चा बटोर रहा है। अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर विपक्ष को निशाने पर लेते हुए इमरान ने कहा कि वह ‘आलू, टमाटर’ की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राजनीति में नहीं आये। एक राजनीतिक रैली में खान ने कहा कि देश उन तत्वों के विरूद्ध खड़ा होगा जो सरकार गिराने का प्रयास कर रहे हैं। पाकिस्तान एक महान राष्ट्र बनने जा रहा है। (International News)
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