अल्मोड़ा के इस मंदिर में प्राचीन काल से रक्षाबंधन के दिन खेली जाती है बग्वाल

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अल्मोड़ा। अल्मोड़ा से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी स्थित विश्वप्रसिद्ध देवीधुरा के मंदिर में प्राचीन काल से रक्षाबंधन के दिन बग्वाल खेले जाने की परंपरा है। यहां फलों और पत्थरों से एक दूसरे को मारा जाता है। लाखों लोगों की मौजूदगी में होने वाली बग्वाल में 4 खामो चम्याल, गहरवाल, लमगड़िया और वालिग के साथ ही सात थोकों के योद्धा फरों के साथ हिस्सा लेते हैं।

Bagwal

रक्षाबंधन के त्यौहार पर यहां देश के योद्धा फेरों के साथ हिस्सा लेते हैं। रक्षाबंधन पर्व पर यहां होने वाले वग्वाल को देखने के लिए देश ही नहीं विदेश के लोग भी आते हैं। लाखों लोगों की मौजूदगी में होने वाली बग्वाल में 4 खामो चम्याल, गहरवाल, लमगड़िया और वालिग के अतिरिक्त सात थोकों के योद्धा फरों के साथ प्रतिभाग करते हैं।

कोरोना की वजह से पिछले 2 वर्षों यहां बग्वाल नहीं हो पाई थी लेकिन इस बार कि बग्वाल में लाखों की संख्या में श्रद्धालु बग्वाल को देखने के लिए उपस्थित रहे। इस साल के रक्षा बंध पर हुई की बग्वाल 9 मिनट तक खेली गई और इसमें करीब 50 से अधिक योद्धा जख्मी हुए। इस बार की बग्वाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शिरकत की थी।

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