Healthy Lifestyle : घंटों कुर्सी पर बैठे रहते हैं तो सुधार लें पोजीशन, वरना कम उम्र में ही हो जायेंगे खतरनाक बीमारियों के शिकार

img

आज कल की कार्यशैली (Healthy Lifestyle) के अधिकतर लोगों को घंटों कुर्सी पर बैठकर फोन, लैपटॉप या फिर कंप्यूटर पर काम करना पड़ता है। ऐसे में कई बार खराब स्लीपिंग पोजिशन हमारे बॉडी पोश्चर (Poor Body Posture) के लिए नुकसानदायक साबित होती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर हम अपने खराब बॉडी पोश्चर को लगातार इग्नोर करते रहे तो इसके बहुत बुरे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

Poor Body Posture - Healthy Lifestyle

हम कैसे बैठते हैं, कैसे टेक्स्ट करते हैं, यहां तक कि कैसे सोते हैं। इन सभी बातों का सीधा असर हमारी बॉडी पोश्चर पर पड़ता है। अगर खराब बॉडी पोश्चर की ये आदत लंबे समय तक चलती रही और इसे (Healthy Lifestyle) न सुधारी गई तो समय के साथ ये हमारे शरीर को चिंताजनक अवस्था में ला देगा। (Poor Body Posture)

टेक्स्ट नेक (Healthy Lifestyle)

टेक्स्ट नेक एक रिपिटेटिव स्ट्रेस इंजरी या गर्दन की गलत पोजिशन (Poor Body Posture) से जुड़ी समस्या है। ये प्रॉब्लम मोबाइल फोन या स्मार्ट गैजेट का प्रयोग करते समय गर्दन को घंटों तक एक ही पोजीशन में झुकाकर रखने से होती है। गर्दन की खराब पोजिशन से ‘सर्वाइकल स्पाइन कम्प्रेशन’ का भी जोखिम बढ़ जाता है। संकुचित रीढ़ हाथों और उंगलियों में झनझनाहट या दर्द की वजह बन जाती हैं। (Healthy Lifestyle)

काइफोसिस

एक्सपर्ट्स के मुताबिक रीढ़ के ऊपरी हिस्से (काइफोसिस) की वक्रता अगर बढ़ती है तो ये भी एक गंभीर समस्या बन सकती है। ये दिक्कत आमतौर पर उन लोगों को होती है जो लंबे समय तक डेस्क या कुर्सी पर एक ही जगह बैठे रहते हैं। कुर्सी पर घंटों लगातार बैठने, कमर झुकाकर रखने या फिर पीठ पर भारी बैग टांगने से भी काइफोसिस की दिक्कत बढ़ने लगती है। (Healthy Lifestyle)

सैड शोल्डर

एक ग्राफिक पिक्चर में दोनों कंधों को आगे की तरफ झुका हुआ दर्शाया गया है। इस पोश्चर के मुताबिक इंसान की पीठ छाती वाले हिस्से को ठीक से फैलने नहीं देती जिससे ढीर-धीरे लोगों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। यह खराब पोश्चर दर्द (Poor Body Posture), पेट के फुलाव और सिरदर्द का मुख्य कारण बनता है। (Healthy Lifestyle)

यही वजह है कि शुरुआत से ही बच्चों को कमर सीधी करके बैठने की सलाह दी जाती है। हालांकि, स्ट्रेंथ और स्ट्रेच एक्सरसाइज के जरिए भी इसे आसानी से सुधारा जा सकता है। साथ ही स्लीपिंग पोजिशन (Healthy Lifestyle) में भी सुधार लाया जा सकता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रात को सोते वक्त अपना सिर छाती और लोवर बैक की सीध में रखें। ऐसा करने से रीढ़ की हड्डी में गैर स्वाभाविक ढंग से होने वाले कर्व के खतरे को कम किया जा सकता है। (Healthy Lifestyle)

Summer Season में इन 5 Tricks को करें follow, हमेशा चुस्त-दुरुस्त बनी रहेगी सेहत

Related News