Haldwani: माता के इस मंदिर में ठीक होते हैं चर्म रोग, नवरात्रि में लगती है भक्तों की भारी भीड़

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हल्द्वानी। हल्द्वानी में स्थित माता शीतला देवी मंदिर में हर साल नवरात्र में हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं। मान्यता है कि यहां जो भी भक्त सच्चे मन से मुराद मांगता है, माता उनकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी करती हैं। माता शीतला को मां दुर्गा का अवतार भी माना जाता है। हल्द्वानी के रानीबाग क्षेत्र में स्थित यह मंदिर शक्तिपीठों में शुमार है। कहते हैं माता शीतला के दर्शन करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। माता पर भक्तों की अटूट आस्था है। नवरात्र में हजारों भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर माता शीतला के दरबार में आते हैं।

शीतला देवी की मान्यता पौराणिक काल से जुड़ी है। देवी दुर्गा और महादेव शिव की महिमा गान वाले स्कंद पुराणों में शीतलाष्टक स्त्रोत का वर्णन भी किया गया है। धार्मिक मान्तया है कि आदियोगी शिव का एक अवतार वैद्यनाथ भी है, जिसमें वह संसार में उत्पन्न हर बीमारी के निदान और उनके उपाय की रचना करते हैं। इन रचनाओं में ऐसे रोगों का वर्णन किया गया है जिनके लक्षण त्वचा रोग, हैजा, रक्ताल्पता और अलग-अलग तरह के ज्वर भी शामिल हैं। शीतला माता को चर्म रोगों से निदान दिलाने वाली देवी भी कहते हैं।

शीतला माता मंदिर के पुजारी गिरीश चंद्र बताते हैं कि माता के प्रति लोगों का अटूट विश्वास है और जो भी मंदिर में सच्चे मन से मुराद मांगता है माता उसे अपना आशीर्वाद जरूर देती है और उनकी समस्त इच्छा पूरी करती हैं। वे कहते हैं कि इस मंदिर में आकर चर्म रोगों से मुक्ति पाने के लिए देवी के सामने अपनी कामना करें और जल्द ही व्यक्ति को सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती है।

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