देहरादून। कोरोना महामारी की वजह से बंद किया गया जौनपुर का ऐतिहासिक राज मौण मेला रविवार को पूरे दो साल बाद फिर से आयोजित किया गया। इस दौरान अगलाड नदी में टिमरू पाउडर डालकर मछलियों को बेहोश किया गया। इसके बाद इन मछलियों को पकड़ने के लिए हजारों लोग नदी में कूद गए और मछलियां पकड़ी। इस मौके पर ढोल नगाड़ों की थाप पर ग्रामीणों ने यहां का प्रसिद्ध लोकनृत्य किया।
इस मेले में जौनपुर, जौनसार, रंवाई घाटी समेत आसपास के इलाकों के 20 हजार से अधिक लोगों ने शिरकत की। लोग सुबह से ही नदी के पास पहुंचने लगे थे। नदी पर पहुंचने के बाद ढोल नगाड़ों के साथ ग्रामीणों ने लोक गीतों संग पारंपरिक लोक नृत्य किया। इसे बाद नदी में एक साथ आठ क्विंटल से अधिक टिमरू पाउडर डाला गया और फिर मछली पकड़ने के लिए लोग जाल लेकर नदी में कूद पड़े। प्रदीप कवि के अनुसार इस बार नैनबाग इलाके के करीब 16 गांवों के लोगों ने दो से तीन सप्ताह में टिमरू पाउडर बनाया।
बता दें कि ये मेला कोरोना काल यानी साल 2020 और 2021 में आयोजित नहीं किय आगे। ऐसे में दो साल बाद आयोजित हुए इस मेले को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह था। मौण मेला समिति अध्यक्ष महिपाल सिंह सजवाण का कहना है कि क्षेत्र के लोग प्राचीन काल से ही मेले को मनाते आ रहे हैं। ये परंपरा 156 साल से लगातार चल रही है। मौण मेला 1866 में तत्कालीन टिहरी नरेश ने शुरू कराया था और तबसे ये लगातार आयोजित किया जा रहा है।