Chardham Yatra: 135 तीर्थ यात्रियों की गई जान, कारणों का पता लगाने के लिए गठित ने बताया क्यों हो रहीं मौतें

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देहरादून। देश के कोने-कोने से चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे कोरोना पॉजिटिव तीर्थ यात्रियों को यहां कई सारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की एक्सपर्ट कमेटी ने इसके मद्देनजर अब श्रद्धालुओं से तत्काल दर्शन न करने और 48 घंटे तक स्थानीय परिस्थितियों में रहने की सलाह दी है। बता दें कि अब तक 135 तीर्थयात्रियों की मौतें हो चुकी हैं।

CHARDHAMA YATRA

स्वास्थ्य सचिव राधिका झा का कहना है कि चारधाम में हो रही तीर्थ यात्रियों की मौत की वजहों का पता लगाने के लिए एचएनबी चिकित्सा विवि के कुलपति प्रो हेमचंद्रा की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी गठित की गई थी। इस एक्सपर्ट कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें कहा गया है कि मैदानी क्षेत्रों से गए यात्रियों का शरीर स्थानीय जलवायु के अनुसार ढल नहीं पा रहा जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही हैं।

उन्होंने बताया कि कोविड की वजह से भी कई लोगों को हाई एल्टीट्यूट में अधिक परेशानी हो रही हैं। इस परिस्थिति से बचने के लिए चारधाम रूट और धाम में दर्शन से पहले यात्रियों को 48 घंटे का विश्राम कराने की आवश्यकता है। एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन प्रो हेमचंद्रा का कहना है कि जांच में पता चला है कि चारधाम यात्रा के दौरान इस साल हुई मौतों में से 60 प्रतिशत ऐसे तीर्थ यात्री हैं जो पहले से ही बीमार थे।

इन लोगों को शुगर, बीपी के साथ ही अन्य बीमारियां थी जिसकी वे दवाइयां ले रहे थे। उन्होंने कहा कि मरने वालों में 60 फीसदी लोग 60 से अधिक उम्र के थे। उन्होंने बताया कि 10 प्रतिशत के करीब ऐसे मरीज थे जिन्हें घोषित रूप से कोविड हुआ था।

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