पिथौरागढ़। बीते दो महीने से अधिक समय से मूसलाधार बारिश और बारिश से परेशान उत्तराखंड को अभी भी राहत नहीं मिल पाई है। अब यहां के पिथौरागढ़ जिले में हुई भारी बरसात ने जमकर तबाही मचाई है। बारिश के बाद यहां की सभी नदियां उफना गईं हैं। धारचूला में काली नदी का प्रवाह शुक्रवार की रात को कुछ देर के लिए रुक गया था लेकिन नेपाल की तरफ से स्लाइड होकर नदी में मलबा पहुंच जाने से एक बार फिर से बाढ़ आ गयी जिससे लगभग 37 घरों में मलबा घुस गया। वहीं एक महिला की मकान के मलबे में दबकर मौत हो गई है।
बताया जा रहा है कि धारचूला में बीती रात 1 बजे से भारी बारिश शुरू हो गई जिससे काली नदी उफान पर आ गई। इस दौरान नेपाल की तरफ से हुए भूस्खलन की वजह से कुछ देर के लिए नदी का प्रवाह थम गया। बताया जा रहा है की पानी अधिक भर जाने के बाद नदी ने नेपाल की तरफ रुख मोड़ लिया जिससे खोतीला में स्थित 37 घरों में मलबा घुस गया। इस घटना से स्थानीय लोगों का लाखों का नुकसान हुआ है। वहीं एक महिला की घर के मलबे में दबकर मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि तीन वाहन भी मलबे में दब गए हैं। सूचना के बाद जिला मुख्यालय से भी रेस्क्यू टीम रवाना हो गई है। स्थानीय प्रशासन भी राहत कार्यों में जुट गया है।
उधर नेपाल के छापली में भी भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। अतिवृष्टि के बाद पहाड़ी से गिरे मलबे ने काली नदी का प्रवाह थोड़ी देर के लिए रोक दिया, जिससे नदी में झील बन गई थी। झील बनने से खोतिला गांव खतरे की जद में आ गया। वहीं नेपाल के छापली इलाके में 11 लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। उधर धारचूला के ऐलधारा में भी भूस्खलन होने से खड़ी गली व मल्ली बाजार के 12 से अधिक मकानों में मलबा घुस गया है।