देहरादून। देवभूमि आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए खुशखबरी है। अब केदारनाथ धाम और सिखों के प्रमुख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के लिए दो महत्वपूर्ण रोपवे प्रोजेक्टों को मंजूरी मिल गई है। सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड वाइल्डलाइफ की बैठक में कुल 21 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया। उम्मीद जताई जा रही है कि हाई अल्टिट्यूड वाले इन तीर्थस्थलों पर हेलीकॉप्टर सेवा के बाद रोपवे सेवा मिलने से श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी।
दरअसल, तीर्थयात्राओं को पर्यटन कारोबार से जोड़ने के उद्देश्य से ये फैसला लिया गया है। बताया जा रहा है कि बोर्ड की बैठक में जो 21 प्रस्ताव रखे गए थे, उनमें से तीन तीर्थयात्रियों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने से जुड़ हुए थे। इनमें से हरिद्वार में 49 किलोमीटर की रिंग रोड के प्रस्ताव पर भी बोर्ड ने चर्चा की। इस रिंग रोड को राजाजी टाइगर रिज़र्व को छूते हुए बनाए जाने को लेकर अधिकारियों का कहना है कि इससे तीर्थ नगरी में वाहनों के लोड को कम किया जा सकेगा। साथ ही लोगों को भारी ट्रैफिक से भी निजात मिलेगी।
उत्तराखंड वाइल्डलाइफ बोर्ड की बैठक में रुद्रप्रयाग ज़िले में सोनप्रयाग से केदारनाथ को जोड़ने वाले 13 किलोमीटर लंबे रोपवे को भी मंज़ूरी दे दी है। यहां वर्तमान समय में श्रद्धालुओं के पास दो विकल्प होते हैं, या तो वो गौरीकुंड से केदारनाथ तक 18 किमी के पैदल ट्रेक से तीर्थ तक पहुंचे हैं या फिर हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ लें लेकिन अब यहां एक और विकल्प उपलब्ध हो सकेगा। वो होगा रोपवे का।
बताया जा रहा है कि केदारनाथ पहुंचने के लिए रामबाड़ा और गरुड़चट्टी के बीच 6 किलोमीटर के नये ट्रेक को भी वाइल्डलाइफ बोर्ड ने अपनी स्वीकृति दी है। इसी के साथ लंबे समय से हेमकुंड साहिब के लिए की जा रही रोपवे की मांग को भी बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। राज्य के चमोली ज़िले में समुद्र तल से 11,750 वर्गफीट की ऊंचाई पर बसे इस तीर्थस्थल तक गोविंदघाट से 12.5 किलोमीटर लंबा रोपवे बनने का रास्ता साफ हो गया है। अब जल्द ही इस पर कमा भी शुरू हो जायेगा।
मुख्य वाइल्डलाइफ वॉर्डन पराग मधुकर धकाते का कहना है कि, ‘बोर्ड ने जिन प्रस्तावों को मंज़ूरी दी है, अब उन्हें राष्ट्रीय वाइल्डलाइफ बोर्ड के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ, हेमकुंड साहिब और हरिद्वार के प्रोजेक्टों से बड़े पैमाने पर तीर्थ यात्रियों को लाभ होगा।’