Assembly Recruitment Case: रिपोर्ट मिलने के बाद अध्यक्ष ने रद्द की 250 नियुक्तियां, इन्हें भी किया सस्पेंड

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देहरादून। विधानसभा भर्ती प्रकरण की जांच रिपोर्ट समिति ने गुरुवार की देर रात्रि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी भूषण को सौंप दी। रिपोर्ट मिलने के बाद नियुक्तियों में अनियमितता पाए जाने पर विधानसभा अध्यक्ष ने अब बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने विधानसभा सचिवालय में विवादों से घिरी 250 नियुक्तियों को रद्द करने की सिफारिश की है। अब इस मामले में शासन को निर्णय लेना है। वहीं विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने कहा कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में माना है कि जो भी तदर्थ नियुक्तियां हुईं थी, वह नियमों के खिलाफ थीं। इन नियुक्तियों के लिए ना तो विज्ञापन निकाला गया, न ही रोजगार कार्यालय से आवेदन की मांग की गई। विस् अध्यक्ष ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट के मुताबिक इन भर्तियों से संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का उल्लंघन हुआ है। बता दें कि जांच समिति द्वारा सौंपी गई मूल रिपोर्ट 29 पेज की है जबकि सभी अटैचमेंट के साथ यह रिपोर्ट 2014 पेज की है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देहरादून और गैरसैण विधानसभा के लिए पदों का पुनर्गठन किया जायेगए । विधानसभा में साल 2011 से पहले भर्ती हुए सभी कर्मचारी नियमित हो चुके हैं, इन पर भी विधानसभा अध्यक्ष विधिक राय लेगी। इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा।वहीं विधानसभा में साल 2016 से 2022 तक कि तदर्थ नियुक्तियां निरस्त कर दी गई है। पिछले साल हुई 32 पदों की भर्तियों को भी रद्द कर दिया गया है। आरएमएस टेक्नो सोलुशन कंपनी को दिए गए 56 लाख के भुगतान पर सचिव की भूमिका भी संदिग्ध मनाई जा रही है। साल 2021 के ही उपनल से भर्ती 22 नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष ने जो नियुक्तियां निरस्त की हैं, उनमें 228 तदर्थ हैं और 22 उपनल के माध्यम से। कुल मिलाकर 250 नियुक्तियां रद्द हुई हैं। इसके आलावा विधान सभा अध्यक्ष ने सचिव मुकेश सिंघल को सस्पेंड कर दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय से बाहर निकली तो कर्मचारियों ने उन्हें घेर लिया। हालांकि कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें विधानसभा से रवाना कर दिया गया। नौकरी जाने के सदमे से एक कर्मचारी बेहोश हो गई।

नियुक्तियां गलत हैं तो निरस्त होनी चाहिए : धामी

इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों से कहा कि विधानसभा में नियुक्तियों से संबंधित मामला उनके सामने आया। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच करने का अनुरोध किया था। बकौल धामी, मैंने स्पीकर से कहा था कि जांच में अगर नियुक्तियां गलत पाई जाती हैं तो उन्हें निरस्त किया जाना चाहिए।

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