गंगा नदी में बह रहे कावड़ियों को सेना और पुलिस ने मिलकर बचाया

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हरिद्वार। उत्तराखंड में लगातार ही रही बारिश की वजह से हरिद्वार में गंगा नदी का बहाव काफी तेज हो गया है। तेज बहाव की वजह से लोगों के डूबने की भी खबरें आ रही हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को भी गंगा नदी में स्नान करने उतरे सात कावड़िए बहने लगे। हालांकि सेना और पुलिस टीम ने आनन्-फानन में संयुक्त अभियान चलाकर इन्हें बचा लिया । ये सभी कांवड़िए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले बताये जा रहे हैं। बता दें कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश की वजह से सभी नदियों और नालों का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया है

GANGA RIVER

इस समय सावन महा होने की वजह से कावड़ यात्रा अपने चार्म पर है। कोरोना की वजह से बंद पड़ी कांवड़ यात्रा दो साल बाद फिर से शुरू हुई है। ऐसे में भारी संख्या में शिवभक्त भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करने के लिए हरिद्वार पहुंच रहे हैं। कावड़ियों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन भी सतर्क है और किसी भी अनहोनी से बचने के लिए चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। गंगा घाटों पर भी तैराकों को तैनात किया गया है। बता दें कि सेना के तैराक दल ने अब तक 18 कांवड़ियों को नदी में बहने से बचाया है। जोनल मजिस्ट्रेट ने कहा कि हम घाटों पर लोगों से तेज प्रवाह में ना जाने की अपील भी लगातार कर रहे हैं।

प्रशासन का दावा है कि आठ दिन के कांवड़ मेले में अभी तक एक करोड़ 87 हजार कांवड़िए पहुंच चुके हैं। गुरुवार को सबसे अधिक 35 लाख कांवड़ियों ने गंगा नदी से जल भरा। कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती की मानें तो गुरुवार को 35 लाख कांवड़िए गंगा जल भरकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए। बता दें कि धर्मनगरी में चारों तरफ शिवभक्तों की भीड़ दिखाई दे रही है। कांवड़ पटरी से पैदल जाने वाले शिवभक्त रवाना हो रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में डाक कांवड़ियों ने भी डेरा जमाया हुआ है। लाखों डाक कांवड़िए भी हरिद्वार पहुंच चुके। बैरागी कैंप पर कावड़ियों के हजारों बड़े वाहन खड़े हैं। चारों तरफ बम-बम भोले के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। हाईवे समेत शहर के अंदरूनी मार्गों पर भी कांवड़ियों ही नजर आ रहे हैं। पूरा हरिद्वार इस समय शिवमय ही गया है।

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