
बदरीनाथ। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित अलकनंदा नदी के जलागम क्षेत्र के ग्लेशियरों के पिघलने से एकाएक बदरीनाथ में नदी का जलस्तर बढ़ गया हैं। खतरनाक हालत को देखते हुए पुलिस लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को घाटों और नदी के पास नहीं जाने की अपील का रही है। अलर्ट जारी कर लोगों को घाटों के आसपास से हटाया जा रहा है ताकि समय रहते किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। घाटों पर एसडीआरएफ टीमों को तैनाती कर दी गई है।
बताया जा रहा है सतोपंथ, अलकापुरी बांक में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे है। इसकी वजह से सोमवार को शाम के समय अचानक से अलकनंदा का जल स्तर बढ़ गया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने बद्रीनाथ धाम के घाटों पर एसडीआरएफ की तैनाती बढ़ा दी है। साथ ही लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को नदी के नजदीक नहीं जाने की भी अपील कर रही है। बकौल सीओ चमोली पुलिस धन सिंह समझा जा रहा कि ऊपरी क्षेत्रों में ग्लेशियर पिघलने से नदी का जलस्तर अचानक से बढ़ रहा है।
पहले भी आ चुकी है आपदा
गौरतलब हैं कि चमोली जिले में इससे पहले भी आपदा आ चुकी है। यहां के रैणी-तपोवन क्षेत्र में आई आपदा में लगभग 120 लोगों की जान गई थी। उस वक्त वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि ऋषिगंगा घाटी में गत सात फरवरी को आई भीषण बाढ़ ग्लेशियर के ऊपरी क्षेत्र में जमा पानी और मलबे के कारण आई थी।
रैंणी-तपोवन आपदा
32 किलोमीटर के दायरे में मचाई थी तबाही
77 शव और 35 मानव अंग हुए थे बरामद
205 लोगों का पता नहीं नहीं लगा था
1500 करोड़ का हुआ था नुकसान