4 साल में मनरेगा योजनाओं में 52 करोड़ का घोटाला, केंद्र का निर्देश; पूरी रकम वसूल |

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मनरेगा के तहत काम करते मजदूर - Dainik Bhaskar

मनरेगा के तहत काम करते मजदूर

  • धनबाद, देवघर, पाकुड़, बोकारो में कार्रवाई नहीं, अबतक 1.46 करोड़ वसूली

झारखंड समेत पूरे देश में मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी काे लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव ने गंभीरता से लेते हुए वसूली का आदेश दिया है। झारखंड में मनरेगा में 52 करोड़ की वित्तीय हेराफेरी किए जाने की सूचना है।

झारखंड मनरेगा की सोशल ऑडिट की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पिछले कुछ सालों में मनरेगा याेजनाओं में बड़े पैमाने पर वित्तीय हेराफेरी की गई है। इस रिपोर्ट की जानकारी केंद्र काे भी है।

ऐसे में राज्य में की गई वित्तीय गड़बड़ी पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है, इस पर रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इतना ही नहीं, जितनी राशि की वित्तीय गड़बड़ी की बात सामने आई है, उसकी वसूली करने को कहा गया है। इस संबंध में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी निर्देश दिया गया है।

भ्रष्टाचार का खुलासा हाेने के बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू की, पर अभी तक 1.4 करोड़ की राशि की ही वसूली हो पाई है। धनबाद, देवघर, पाकुड़, बोकारो जिलों में एक रुपये की भी वसूली नहीं हो पाई।

सबसे अधिक पलामू में 6.37 करोड़, रांची में भी 2.17 करोड़ की गड़बड़ी
विगत तीन-चार सालों में बड़े पैमाने पर मनरेगा योजनाओं में अनियमितता हुई है। मनरेगा में ये गड़बड़ी 2017-18 से 2020-21 के बीच की गई है। अधिकारियों, कर्मियों और सप्लायरों की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया।

डोभा निर्माण, कुआं, पशु शेड, बकरी शेड निर्माण आदि में गड़बड़ी की गई है। मनरेगा की सोशल ऑडिट में इसका खुलासा हुआ। लगभग 52 करोड़ रुपये हड़पे गए हैं। सर्वाधिक वित्तीय गड़बड़ी पलामू जिले में 6.37 करोड़, गढ़वा में 5.93 करोड़, धनबाद में 2.88 करोड़ की हुई है। रांची में भी 2.17 करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी पकड़ में आई है।

केंद्रीय सचिव ने कहा- देश में जहां भी मनरेगा योजनाओं में अनियमितता हुई, कार्रवाई होगी

केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव एनएन सिन्हा ने भास्कर से बात करते हुए पुष्टि की कि उन्हाेंने गड़बड़ी के आधार पर वसूली का आदेश दिया है। यह आदेश सिर्फ झारखंड के लिए नहीं है, बल्कि पूरे देश के लिए है, जहां भी मनरेगा याेनाओं में गड़बड़ी हुई है।

राज्य में मनरेगा योजनाओं के सामाजिक अंकेक्षण का प्रावधान है। विभाग ने विशेष सेल भी बना रखा है, जो झारखंड के सभी जिलों में पंचायतवार मनरेगा योजनाओं की सोशल ऑडिट करता है। इसी सोशल ऑडिट में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है।

इधर, बोकारो में डीएमएफटी फंड के तहत स्वीकृत योजनाओं की होगी जांच

राज्य के बोकारो जिले में डीएमएफटी फंड के तहत स्वास्थ्य विभाग की स्वीकृत योजनाओं की जांच कराई जाएगी। विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने 30 जुलाई को बैठक के बाद बोकारो जिले में डीएमएफटी मद से स्वीकृत योजनाओं का प्राक्कलन, कार्यादेश अौर जांच प्रतिवेदन मांगा है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव नंद किशोर मिश्र ने बोकारो डीसी अौर सिविल सर्जन को पत्र भेजकर योजनाओं की जानकारी अौर जांच रिपोर्ट 25 अगस्त तक मांगी है।

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