जाति जनगणना पर क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी |

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 23 अगस्त: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-अल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है। गौरतलब है कि हैदराबाद के सांसद ओवैसी की पार्टी पहले ही यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में जातिगत जनगणना पर उनका बयान काफी मायने रखता है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास संसदीय शक्ति है और उन्हें इसके लिए कानून बनाना चाहिए। उन्होंने अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण की भी वकालत की है।

ओवैसी ने जातिगत जनगणना का समर्थन किया
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जातिगत जनगणना की पैरवी करते हुए कहा है, ‘पिछड़े वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए जातिगत जनगणना को लागू करना महत्वपूर्ण है। जातिगत जनगणना को शुरू किया जाना चाहिए। मोदी जी के पास संसदीय शक्ति है, उन्हें कानून बनाना चाहिए। ओबीसी का उप-वर्गीकरण करना भी अहम है।’ उनके मुताबिक जो हर तरह से पिछड़े हैं उनकी जाति के आधार पर गिनती करने में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने यह भी दलील दी है कि जाति आधारित जनगणना की मांग सभी राजनीतिक दल करने लगे हैं।

बिहार के 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने की पीएम मोदी से मुलाकात
बता दें कि इसी मसले पर आज बिहार के 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की है। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई बिहार के मुख्यमंत्री नीताश कुमार ने की। नीतीश ने दावा किया कि इस तरह जनगणना कराने से विकास योजनाओं को प्रभावी तौर पर अमलीजामा पहनाने में सहायता मिलेगी। नीतीश के साथ बिहार में विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव भी थे। उनका कहना था कि जब पेड़ों और पशुओं की गिनती हो सकती है तो लोगों को जाति के आधार पर गिनती करने में क्या दिक्कत है। उनके मुताबिक यह कदम गरीबों के हित में होगा।

ओबीसी वोट बैंक गोलबंद करने की होड़
बता दें कि आजादी के बाद से देश की सरकारें इस तरह की जाति आधारित जनगणना का नीतिगत आधार पर नहीं कराने की पक्षधर रही हैं। 2011 की जनगणना में इसका कुछ हद तक प्रावधान किया भी गया था, लेकिन वह डाटा कभी भी सार्वजनिक नहीं हुआ। लेकिन, ओबीसी वोट बैंक को गोलबंद करने के लिए यह मुद्दा इस वक्त सियासी तौर पर बहुत गर्म हो गया है और कोई भी पार्टी इसका विरोध करती नजर नहीं आ रही हैं। हालांकि, क्या इसबार जातिगत आधार पर जनगणना की जाएगी, यह फैसला आखिरकार भाजपा सरकार को ही करना है।

जातिगत जनगणना करने की जरूरत है और जरूरी है कि जो हर तरह से पिछड़े हैं उनका करना चाहिए, इसमें गलत क्या है। हर राजनीतिक पार्टी ये कह रही है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी

 

 

 

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